संवाददाता :- संदीप विश्वकर्मा
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के लिए “We Are =” का चेन बनाके प्रशिक्षु नें लैंगिक समानता का सन्देश दिया ।
बिहार/लखीसराय:- विश्व महिला दिवस के अवसर पर “जिला एवं शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान लखीसराय मे वाद विवाद, प्रोजेक्ट, रोले प्ल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, और प्रशिक्षु ने मानव निर्मित चेन बना के “We Are = ” का सन्देश दिया।
संस्थान की प्राचार्या डॉ वंदना कुमारी के निरीक्षण में संपन्न हुआ ।
कार्यक्रम के संचालक -व्यख्याता विश्वजीत सिंह एवं मुकेश कुमार (IPEL) के
प्रशिक्षु हर्षित कुमार, बलराम, सोनू कुमार, सुम्बुल सहाबा, छोटी कुमारी, बिजय कृष्णा, रिया भारती,सुबोर्ना,संदीप कु विश्वकर्मा, आदि सभी ने ” चित्रों एवं कविता ” के जरिये वी आर इक्वल के संदेश को पूरा किया।
जानिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास।
-महिलाओं की हिस्सेदारी को बढ़ावा देने और उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के मकसद से हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. आइए आपको बताते हैं कि इस दिन को मनाने के लिए 8 मार्च की तारीख को ही क्यों चुना गया? कैसे हुई अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत?
“मजदूर आंदोलन’ की उपज है महिला दिवसअंतरराष्ट्रीय महिला दिवस वास्तव में एक मजदूर आंदोलन की उपज है. इसकी शुरुआत साल 1908 में हुई थी, जब अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में करीब 15 हजार महिलाएं अपने हक के लिए सड़कों पर उतरी थीं. इन महिलाओं की मांग थी नौकरी के घंटे कम करना, काम के हिसाब से वेतन देना और साथ ही मतदान का अधिकार. महिलाओं के इस विरोध प्रदर्शन के एक साल बाद, अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने पहले राष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने की घोषणा की थी.