पुनर्जागरण समिति: पढ़ाई के साथ प्रदूषण से बचाव की अनूठी पहल
पुनर्जागरण समिति समाज के कमज़ोर वर्गों के उत्थान और सशक्तिकरण के लिए समर्पित एक गैर सरकारी संगठन है। पुनर्जागरण समिति शिक्षा, संस्कार महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और पर्यावरणीय स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करते हुए विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल रहा है। पुनर्जागरण समिति भारत के 6 राज्यों में 66 केंद्रों पर काम कर रही है | हमारा देश आज जिस तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है, उसी के साथ प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनकर उभर रहा है। वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और अन्य पर्यावरणीय समस्याएं न केवल हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही हैं, बल्कि हमारे बच्चों के भविष्य को भी खतरे में डाल रही हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए पुनर्जागरण समिति ने अपने शिक्षा केंद्रों में पढ़ाई के साथ प्रदूषण से बचाव और पर्यावरण संरक्षण को भी प्रमुखता दी है। पुनर्जागरण समिति के केंद्र केवल ज्ञान का प्रकाश फैलाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि बच्चों को एक जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए भी कार्यरत हैं। यहां न केवल किताबों का ज्ञान दिया जाता है, बल्कि बच्चों को यह सिखाया जाता है कि वे अपने जीवन में पर्यावरण को कैसे प्राथमिकता दे सकते हैं। समिति ने कई गतिविधियों और अभियानों के माध्यम से बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का काम किया है। इनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:
1. प्रदूषण पर जागरूकता कार्यशालाएं:
बच्चों को वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण के कारण और उनके समाधान के बारे में सरल और रोचक तरीके से समझाया जाता है।
2. पेड़ लगाने के अभियान:
बच्चों को पेड़ों के महत्व को समझाते हुए प्रत्येक केंद्र में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। बच्चे इन अभियानों में उत्साह से भाग लेते हैं और अपने आसपास हरियाली फैलाने की जिम्मेदारी लेते हैं।
3. प्लास्टिक मुक्त केंद्र:
पुनर्जागरण समिति के सभी केंद्रों में प्लास्टिक का उपयोग न करने की नीति अपनाई गई है। बच्चों को बताया जाता है कि प्लास्टिक कैसे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है और इसके विकल्पों का उपयोग कैसे किया जा सकता है।
4. स्वच्छता अभियान:
बच्चों और उनके परिवारों के साथ मिलकर स्थानीय स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाए जाते हैं, जिससे समुदाय में सफाई और जागरूकता का माहौल बनता है।
परिणाम और समाज पर प्रभाव
इन प्रयासों का सबसे बड़ा प्रभाव यह हुआ है कि बच्चे न केवल अपने आस-पास की सफाई और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझ रहे हैं, बल्कि वे इसे अपने परिवार और समुदाय में भी फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। माता-पिता ने भी इन गतिविधियों की सराहना की है और अपने बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव देखा है।
समिति का संकल्प
पुनर्जागरण समिति का लक्ष्य है बच्चों को एक उज्ज्वल भविष्य देना, जिसमें वे न केवल शिक्षित हों, बल्कि प्रकृति के प्रति संवेदनशील और जागरूक भी बनें। हमारी यह पहल समाज को यह संदेश देती है कि शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण एक दूसरे के पूरक हैं और इन्हें एक साथ बढ़ावा देना हमारी जिम्मेदारी है।
“आओ, मिलकर पढ़ाई और प्रकृति की रक्षा का दीप जलाएं और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण बनाएं।”