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मुख्य सूचना आयुक्त बिहार कर रहे है दादा गिरी- रामदेव कुमार

देश के कोने-कोने से न्याय के लिए लड़ रहे आरटीआई कार्यकर्ताओं ने मुख्य सूचना आयुक्त पर लगाया गंभीर आरोप

दिनांक- 23 जुलाई 2024

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पटना। आम नागरिक के लिए संसद द्वारा पारित आरटीआई कानून में हो रही अनियमितता को लेकर देश के कोने-कोने से आईटीआई कार्यकर्ता 2 साल से लगातार अभिषेक कुमार के नेतृत्व में न्याय यात्रा कर कानून को सही तरीके से संचालित कराने का प्रयास कर रहे हैं। ताकि आम नागरिक को आसानी से न्याय मिल सके। मंगलवार दिनांक 23 जुलाई 2024 को पश्चिम बंगाल से आये आरटीआई कार्यकर्ता रामदेव कुमार ने बताया की संसद द्वारा आरटीआई कानून इसलिए लाया गया की छोटे तबके से आने बाले आम नागरिक को भी आसानी से न्याय मिल सके, लेकिन सूचना आयोग में बैठे अधिकारी तथा लोक सूचना अधिकारी की मनमानी के बजह से न्याय मिलना तो दूर आम जन को सूचना तक नही मिल पा रही है, इससे प्रताड़ित होकर हम लोग शुरुआत में न्याय यात्रा निकालकर सूचना आयोग को उसकी जिम्मेदारी का याद दिलाने का काम किये थे। इसी से चिढ़ते हुए बिहार के मुख्य सूचना आयुक्त त्रिपुरारी शरण अपने पद का दुरुपयोग कर निजी तौर पर देश के कोन कोने से आये आरटीआई कार्यकर्ता को परेशान किये हैं। जिसकी सूचना मेरे द्वारा दूरभाष के माध्यम से बिहार के पुलिस महानिदेशक को भी दिया गया है।

रामदेव कुमार ने बताया कि कि मैं काफी दिन से आरटीआई कार्यकर्ता के रूप में पूरे देश मे न्याय दिलाने का काम कर रहा हूँ, जिसकी बजह से कई सूचना आयुक्त को जानता हूं लेकिन बिहार के मुख्य सूचना आयुक्त काफी भ्रष्ट हैं, इसकी सबसे बड़ी बजह यह है कि वो अपना निजी स्वार्थ को पूरा करने के लिए आम आदमी को परेशान कर तथा लोक सूचना अधिकारी को सुविधा देकर उससे पैसे ऐंठने का काम करते हैं। जिसकी सूचना मेने तत्काल निगरानी विभाग में की लेकिन निगरानी विभाग के अधिकारी फोन पर टाल मटोल का काम करने लगे, उन्होंने बताया कि में जो निगरानी विभाग को जानकारी दिया हूँ, उस फोन डिटेल की जानकारी भी मीडिया को साक्ष्य के रूप में उपलब्ध कर रहा हूँ।

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